LIC’s Bima Sakhi Yojana: प्रधानमंत्री मोदी ने 9 दिसंबर 2024 को एलआईसी की बीमा सखी स्कीम लॉन्च की थी, इसके तहत महिलाओं को तीन साल स्टाइपेंड के साथ LIC
विकसित भारत 2047 का बड़ा फोकस महिला सशक्तीकरण है और वित्त वर्ष 2025 के बजट में महिलाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया गया है.
मोदी सरकार (Modi Government) ने महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. बीते हफ्ते, 9 दिसंबर को पीएम मोदी (PM Modi) ने महिलाओं को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाने वाली एलआईसी (LIC scheme) की बीमा सखी योजना (Bima Sakhi Yojana) लांच किया है. अब जो भी महिलाएं इस योजना में जुड़ेंगी उन्हें बीमा सखी के नाम से जाना जाएगा.बीमा सखी योजना के तहत 18 से 70 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं को स्पेशल ट्रेनिंग और तीन साल तक स्टाइपेंड दिया जाएगा.
इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना, महिलाओं के बीच बीमा जागरूकता बढ़ाना और उन्हें बीमा के लिए प्रोत्साहित करना है.
यहां हम आपके बताने जा रहे हैं कि एलआईसी बीमा सखी योजना (LIC Bima Sakhi Yojana) का लाभ लेने के लिए कैसे आवेदन कर सकते हैं. इसके साथ भी यह भी बताएंगे कि बीमा सखी योजना के तहत महिलाओं को कब से पैसे मिलने वाले हैं. तो चलिए जान लेते हैं कि इस स्कीम का फायदा किस तरह उठाया जा सकता है.
बीमा सखी योजना क्या है ?
एलआईसी की ओर खास तौर पर महिलाओं के लिए बीमा सखी योजना शुरू की गई है. बीमा सखी योजना के तहत 18 से 70 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं को लाभ दिया जाएगा. हालांकि, इस स्कीम में दसवीं पास महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी. इस योजना में शामिल होने वाली महिलाओं को 3 साल तक ट्रेनिंग दी जाएगी. इस दौरान उन्हें बीमा की जरूरत से लेकर हर पहलुओं को बताया जाएगा.
LIC एजेंट बनने का मौका
महिलाओं को ट्रेनिंग के दौरान तीन साल तक स्टाइपेंड भी मिलेगा.जब वह ट्रेनिंग पूरा कर लेंगी तो LIC एजेंट के रूप में काम कर सकती हैं.वहीं बीए पास महिलाओं को डेवलपमेंट ऑफिसर बनने का भी मौका मिलेगा.
विकसित भारत 2047 का बड़ा फोकस महिला सशक्तीकरण है और वित्त वर्ष 2025 के बजट में महिलाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया गया है.
कब और कितने मिलेंगे पैसे?
बीमा सखी योजना के जरिये 25,000 महिलाओं को बीमा सखी के रूप में चुना जाएगा.बीमा सखी योजना में जुड़ने वाली महिलाओं को ट्रेनिंग के पहले साल 7000 रुपये, दूसरे साल 6000 रुपये और तीसरे साल 5000 रुपये स्टाइपेंड के तौर पर दिए जाएंगे. इसका मतलब है कि महिलाओं को ट्रेनिंग पीरियड के दौरान कुल 2 लाख से ज्यादा रुपये मिलेंगे.
इसके अलावा महिलाओं को बोनस और कमीशन का भी लाभ दिया जाएगा.